भारत के मिनी स्विट्जरलैंड 'खाज्जिअर' जो लोकप्रियता के मामले में बड़े-बड़े हिल स्टेशनों को भी मात देता है
यह छोटा पर्यटक स्थल लोकप्रियता के मामले में बड़े-बड़े हिल स्टेशनों को भी मात देता है और पर्यटक यहां की आबोहवा का आनंद लेने के लिए आते हैं। आप यहां कुछ साहसिक खेलों जैसे- ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, घुड़सवारी का मजा भी ले सकती हैं और अपनी यात्रा को यादगार बना सकती हैं। इस छोटे से हिल स्टेशन को खासकर खज्जी नागा मंदिर के लिए जाना जाता है, यहां नागदेव की पूजा होती है। तो आइए जानते हैं खाज्जिअर में घुमने लायक पांच पर्यटन स्थलों के बारे में।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित खाज्जिअर झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से फेमस है। पन्ना की पहाड़ियों और बादलों से घिरी यह खूबसूरत झील हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। खाज्जिअर झील उन्नीस सौ बीस मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पांच हजार वर्ग गज के क्षेत्र को कवर करती है।
हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची मूर्ति
खाज्जिअर से एक किलोमीटर दूर भगवान शिव की 85 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है, जो हिमाचल की सबसे ऊंची मूर्ति है। इस मूर्ति को कांस्य में पॉलिश किया गया है, इसलिए यह बहुत चमकती है। भगवान शिव की इस मूर्ति की खूबसूरती सर्दियों के मौसम में देखते ही बनती है जब यह बर्फ की चादर से ढकी होती है।
खज्जी नागा मंदिर
बारहवीं शताब्दी में निर्मित खज्जी नागा मंदिर, नागों को समर्पित एक ऐसा मंदिर है, जहां सर्प मूर्तियां देखने को मिलती है, जिसके मुख्य देवता खज्जी नाग हैं। इस मंदिर की संरचना लकड़ी के ढांचे की बनी है। शोधकर्ताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण दसवीं शताब्दी में शुरू हुआ था और इसकी वास्तुकला में हिंदू और मुस्लिम शैली देखने को मिलती है। इस मंदिर में हर रोज भारी संख्या में भक्त आते हैं। अगर आप खाज्जिअर जा रही हैं तो आपको खज्जी नाग मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर जाना चाहिए।
स्वर्ण देवी मंदिर
स्वर्ण देवी मंदिर यहां का प्रमुख दर्शनीय स्थल है जो खाज्जिअर झील के बेहद करीब है। इस मंदिर का नाम यहां लगे हुए स्वर्ण गुंबद की वजह से है। इस मंदिर के पास एक गोल्फ कोर्स है, जहां की हरियाली आपका मन मोह लेंगे।
कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य
कालाटॉप वन्यजीव को अभयारण्य वनस्पतियों और जीवों की विविधता की वजह से जाना जाता है। इस अभयारण्य में भालू, हिरण, तेंदुआ, लंगूर, सियार और हिमालयन ब्लैक मार्टन के साथ-साथ कई अनगिनत आकर्षक पक्षियों को भी देखा जा सकता है। यह जगह देवदार के पेड़ों से ढकी हुई है और रावी नदी छोटी धाराओं से पटी पड़ी है। अगर आप खाज्जिअर जाएं तो कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य को जरूर देंखे।
खजियार जाने के लिए सबसे अच्छा समय
अगर आप खाज्जिअर जाना चाहती हैं तो आप साल में किसी भी समय यहां जा सकती हैं। जनवरी और फरवरी के महीनों में खाज्जिअर में ठंड काफी ज्यादा पड़ती है और बर्फबारी भी होती है। इन दो महीनों में खाज्जिअर जाना थोड़ा मुश्किल भरा हो सकता है।
कैसे पहुंचे खाज्जिअर
चंबा और डलहौजी सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां आप निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुंच सकती हैं। वैसे, खाज्जिअर का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, इस स्टेशन से भी आप टैक्सी के जरिए खाज्जिअर पहुंच सकती हैं। बस से डलहौजी जाना और फिर वहां से कैब से खाज्जिअर पहुंचना भी एक अच्छा विकल्प है। अगर आपको फ्लाइट से जाना है तो निकटतम हवाई अड्डा धर्मशाला के करीब गग्गल में स्थित है। इस हवाई अड्डे से आपको खाज्जिअर के लिए टैक्सी और बसें आसानी से मिल जाएंगी। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो जुड़े रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ते रहिए....
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