Saturday, 11 July 2020

हिमाचल प्रदेश का यह प्यारा सा शहर प्राचीन मंदिरों, हरे देवदार और ऊँचे देवदार के पेड़ों से भरा है।

हिमाचल प्रदेश का यह प्यारा सा शहर प्राचीन मंदिरों, हरे देवदार और ऊँचे देवदार के पेड़ों से भरा है।
मंडी

चाहे आप एक टूरिस्ट हों या एक ट्रेवलर, मंडी जाकर आपको एक अलग ही अनुभव और दुनिया देखने को मिलेगी । हिमाचल प्रदेश का यह प्यारा सा शहर प्राचीन मंदिरों, हरे देवदार और ऊँचे देवदार के पेड़ों से भरा है। इसकी अनछुई जगहों में सबसे अधिक शांत झीलें और कस्बे है और उन कस्बों मे इतनी हरियाली है की आपने शायद ही कभी कहीं देखी हो । आप चाहे अपने दोस्तों, परिवार, पति या पत्नी किसी के भी साथ हों, मंडी घूमने के लिए निकलना हमेशा एक शानदार प्लान है ।

मंडी तक कैसे पहुँचे ?

वायु मार्ग द्वारा- मंडी का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। मंडी का निकटतम हवाई अड्डा कुल्लू में भुंतार हवाई अड्डा है। भुंतर हवाईअड्डे को पायलटों के लिए एक चुनौतीपूर्ण हवाई अड्डा माना जाता है, क्योंकि रनवे एक घाटी में स्थित है और चोटियों से घिरा हुआ है। यहाँ से मंडी 60 कि.मी. है और आप यहाँ से 2 घंटे में मंडी सकते है । इसके अलावा चंडीगढ़ एयरपोर्ट तक फ्लाइट से आकर आप वहाँ से टैक्सी या बस द्वारा भी मंडी पहुँच सकते है, जो की 215 कि.मी. की दूरी पर है । वायु मार्ग से किराया लगभग ₹3800 तक हो सकता है ।

 रेल मार्ग द्वारा- निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर मंडी से लगभग 55 कि.मी. की दूरी पर है। वर्तमान में, दो ट्रेनें हैं जो स्टेशन पर रुकती हैं। ये ट्रेनें जोगिंदर नगर से पठानकोट को जोड़ती हैं। रेल मार्ग द्वारा एक तरफ का खर्चा ₹1000 से ₹1500 तक आएगा ।

सड़क मार्ग द्वारा- मंडी बस द्वारा नई दिल्ली, शिमला और चंडीगढ़ से जुड़ा हुआ है। नई दिल्ली और मंडी को जोड़ने के लिए काफी बसें हैं, जो 475 कि.मी. की दूरी तय करती हैं। दिल्ली से मंडी तक बस से यात्रा करने में लगभग 12 घंटे लगते है । सड़क मार्ग द्वारा एक तरफ का खर्चा ₹500 से ₹1200 तक आएगा ।


यात्रा करने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो मंडी में पूरे साल कभी भी जाया जा सकता है लेकिन सबसे अच्छा समय अप्रैल से अक्टूबर का है। इन महीनों का मौसम छुट्टियों के लिए सुहाना होता है।

मंडी में घूमने की जगहें

पाराशर लेक
पाराशर लेक मंडी से 55 कि.मी. दूर है जहाँ आप टैक्सी या पब्लिक वाहन द्वारा पहुँच सकते है । इस अनोखी झील के अंदर एक गोल, तैरता हुआ छोटा सा द्वीप है। यह तैरता हुआ टुकड़ा झील मे सभी दिशाओं की तरफ तैरता रहता है । कोई नहीं जानता कि झील कितनी गहरी है क्योंकि अभी तक कोई भी इसकी गहराई को नहीं नाप पाया है, इसका यह रहस्य अभी भी अनसुलझा है। यहाँ से धौलाधार, पीर पंजाल और किन्नौर पर्वत श्रृंखला के शानदार नज़ारो को देखकर आप रोमांचित हो जाएँगे और आपका उनसे आँखे हटाने का मन ही नहीं करेगा।

झील के पास एक सुंदर मंदिर है जो अपनी शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह मंदिर ऋषि पाराशर को समर्पित है। अपनी वास्तुकला की वजह से शानदार हिमाचली डिजाइन में बना यह मंदिर पूरी तरह से इसके आस-पास के नज़ारों में घुल-मिल जाता है। आप अपने फिटनेस स्तर के आधार पर इस झील तक पहुँचने के लिए ड्राइव या ट्रेक करना चुन सकते हैं क्योंकि ट्रेक को करने में कम से कम 4 से 7 घंटो का समय लगता है। 


रेवलसर
रेवलसर लेक मंडी से 23 कि.मी. दूर है जहाँ आप टैक्सी द्वारा पहुँच सकते है । रेवलसर को तिब्बती में त्सो पेमा के रूप में भी जाना जाता है, यह एक छोटा शहर और एक तीर्थ स्थान है। यहाँ कई जगह हैं जो आप देख सकते हैं, पवित्र रेवलसर झील अपने तैरते द्वीपों व मछलियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। अगर आपको शांति और प्राकृतिक सुंदरता पसंद है, तो यह आपके लिए एकदम सही जगह है।

रेवलसर में आप ये जगहें देख सकते हैं:

• पद्मसंभव गुफाएँ
• पद्मसंभव की प्रतिमा (गुरु रिनपोचे)
• निंगमा मठ
• नैना देवी मंदिर
• ड्रिकुंग काग्यू गोम्पा
• जिगर द्रुक्पा करग्यूड संस्थान
• गुरु गोविंद सिंह गुरुद्वारा


शिकारी देवी
मंडी से 91 कि.मी. दूर इस जगह को मंडी का ताज कहा जाता है क्योंकि यह जिले का सर्वोच्च शिखर है। शिकारियों की देवी, शिकारी देवी के प्रसिद्ध बिना छत वाले मंदिर को देखना न भूलें। यह प्रसिद्ध मंदिर 3,359 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, और आप यहाँ घने जंगलो से घिरे हुए एक बेहद सुंदर रोड पर जीप से जा सकते है । यहाँ पर प्रकृति-प्रेमीयों की आँखे यहाँ के हरे चरागाहों, सूर्योदय और सूर्यास्त और बर्फ की पर्वतमाला पर तो मानो जम सी जाएँगी।

कमरु नाग
हिमाचल प्रदेश में यह छोटा पर हरियाली से भरपूर स्थान हर प्रकृति-प्रेमी व आध्यात्मिक यात्री के लिए एक स्वर्ग है। 3,334 मीटर की ऊँचाई पर स्थित, यह स्थान अपने झील और इसके बगल में देव कमरुनाग के मंदिर के लिए जाना जाता है। देवदार के घने जंगल झील और मंदिर की छत से मानो जुड़े हुए से लगते हैं। वर्षा के देवता कमरुनाग को भक्त, उनकी माँगी इच्छा पूरी होने के बाद सोने, चांदी और सिक्के चड़ाते हैं। इस स्थान से धौलाधार रेंज और बल्ह घाटी के बहुत सुंदर नज़ारे दिखाई पड़ते है ।

थाची
अगरआपको हमेशा सप्ताहांत में हमेशा घूमने की जगह सोचने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है, तो इस बार थाची जाने का प्लान बनाएँ । मंडी से 52 कि.मी. दूर यह घाटी हिमाचल प्रदेश की एक अनछुई जगह है, जो पूरी तरह से प्रकृति, शांति और हरियाली को समर्पित है। हम यह निश्चित रूप से दावा करते हैं कि यह कोई पर्यटक स्थल नहीं है बल्कि प्रकृति-प्रेमियों और जुनूनी यात्रियों के लिए पूरी तरह से समर्पित कस्बा है । जब आप नीले आकाश, हरे भरे जंगल, बर्फबारी और बर्फ से पिघलती जल धाराओं को देखेंगे तो निश्चित रूप से आपकी आँखे आश्चर्ये से भर जाएँगी। यह उन ट्रेकर्स के लिए तो स्वर्ग है, जो सेब के खेतों और हरी-भरी घाटियों के आसपास रहना व ट्रेक करना पसंद करते है । यहाँ बर्फबारी मार्च के मध्य तक होती है, इसलिए अपनी यात्रा की योजना इसके हिसाब से बनाएँ।

जनित्री धार वन
 
जनित्री धार मंडी से 91 कि.मी. दूर है जिसका शिखर कमलागढ़ किला,मंडी के बिल्कुल सामने ही स्थित है। इस स्थान तक पहुँचने के लिए आप धरमपुर मंडी से लाग धर फॉरेस्ट रोड पर गाड़ी से जा सकते हैं। अगर आप अकेले में आराम करना चाहते हैं, तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि अंदर घने जंगल में एक पुराना फॉरेस्ट गेस्ट हाउस है जहाँ आपको खुद के लिए समय निकालने में आसानी होगी। इस स्थान के आध्यात्मिक पक्ष में रुचि रखने वाले यात्रियों के लिए, यहाँ ध्यान करने के लिए एक मंदिर है जो की ऊपर चोटी पर है और आप यहाँ निश्चित रूप से शांति पा सकते है । अगर आप एक निमोफिलिस्ट यानी जंगलों से प्यार करने वाले इंसान हैं, तो यह वह जगह है जहाँ आपको रुकना चाहिए ।

बरोट
आप चाहे अकेले यात्रा कर रहे हों, परिवार के साथ जा रहे हों या दोस्तों के साथ घूमने का प्लान हो यह जगह सभी स्थितियों में सही है । बरोट, मंडी से मात्र 66 कि.मी. दूर है। हिमाचल प्रदेश का यह आकर्षक गाँव अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। प्रकृति-प्रेमियों के लिए बरोट, स्वर्ग सा प्रतीत होता है जिसके आस-पास भी घूमने के लिए बहुत कुछ है । 

आप इन जगहों को बरोट यात्रा पर देख सकते हो :

• उहल नदी
• नारगु वन्यजीव अभयारण्य
• चुहार घाटी
• शानन हाइडल प्रोजेक्ट

इसके अलावा आप ट्रेकिंग और नेचर कैंपिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकते हैं।

जंजेहली
जब आप जंजेली में होंगे तो हरियाली के बीच बहती ठंडी हिमालयी हवा आपका स्वागत करेगी। यह मंडी के अनछूए प्रदेशों में से एक है और मंडी से 99 कि.मी. दूर है लेकिन एक बार जब आप यहाँ पहुँच जाते हैं, तो जो सुंदरता आप यहाँ देखते हैं उसे आप जीवन में शायद ही कभी भूल पाएँ, आपको यहाँ आकर लगेगा मानो आप स्वर्ग में आ गए हो। यहाँ के देवदार के जंगलो , विशाल सफेद बादल और प्रचुर हरियाली से तो आपका आँखे हटाने का ही मन नहीं करेगा ।

तत्तापानी
अगर आप प्रकृति के नज़ारे देखने के शौकीन हैं, तो यह जगह आपके लिए ही है। यह जगह मंडी से 91 कि.मी. दूर है । सतलज नदी के किनारे स्थित यह अनोखा गाँव अपने गर्म सल्फर कुंड के लिए लोकप्रिय है, इसलिए अगर आपको तनाव, जोड़ों में दर्द, थकान और त्वचा की कोई बीमारी है, तो इसके उपचार के पानी में डुबकी लगाना ना भूले ।

भूतनाथ मंदिर
मंडी से 108 कि.मी. दूर, यह हिमाचल प्रदेश के सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाले मंदिरों में से एक है। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। आप चारों ओर सुंदर हाथी की आकृतियाँ और नक्काशीदार पत्थर के खंभे देख सकते हैं।

मंडी में कहाँ रुकें?

1. ए एम पी एम रिसोर्ट – यहाँ दो लोगो के रुकने का खर्च ₹3500 प्रति रात है, कीमत में मेहमानों का नाश्ता शामिल है ।

2. होटल वैलि व्यू - यहाँ दो लोगो के रुकने का खर्च ₹4000 प्रति रात है।

3. रिवर बैंक होटल - यहाँ दो लोगो के रुकने का खर्च ₹1265 प्रति रात है, कीमत में मेहमानों का नाश्ता शामिल है ।

4. सीजी होमस्टे – यह एक डोरमेट्री है जहाँ एक बेड की कीमत ₹900 है ।

क्या खाएँ

अगर आप खाने के शौकीन है तो कई नए जायकों से आपकी मुलाक़ात होगी जो आपका मन मोह लेंगे । मंडी मे आपको लगभग हर तरह के व्यंजन मिल जाएंगे और यहाँ खाना ज्यादा महंगा नही है । अगर आपको लोकल फूड खाना है तो आप यहाँ थुपका, मोमोस व बबरू, कद्दू का खट्टा, पटंडे खा सकते है । आपको यहाँ धाम, सिधु व ट्राउट भी खाने को मिल जाएगी । अगर आप नोनवेज के शौकीन है तो आप यहाँ निराश नहीं होंगे । यहाँ द ट्रीट रेस्तरां, कोपाकबाना बार एंड रेस्तरां, एकांत रेस्तरां, चावलास स्क्वायर, ब्लॅक पेपर रेस्तरां जैसे कई रेस्तरां है जो आपको स्वादिष्ट भारतीय, चीनी, तिब्बती और कॉन्टिनेंटल व्यंजन परोस सकते है ।




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